
मित्रों आप एक ऐसे महापुरुष के वंशज हैं जिन्होंने अपनी आन बान शान से अपनी शरण में आए हुए किसी भी व्यक्ति को शरण देने से मना नहीं किया तथा अपने वचनों के पक्के आने वाले को अतिथि सत्कार दिया । महापुरुष पूंजा भील एक ऐसी शख्सियत और इतिहास पुरुष थे जिनका नाम सैकड़ों पुस्तकों में ही नहीं! हजारों पुस्तकों में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। *महापुरुष पूजा भील* का नाम लेने से ही हमारा जीवन सफल हो सकता है तथा उसका अतिथि सत्कार आज इतिहास बनकर बोल रहा है महाराणा प्रताप के लिए उन्होंने अपना सब कुछ दाव पर लगा दिया तथा अपने हजारों भील सैनिकों को महाराणा प्रताप की सेवा में लगा दिया तथा सम्राट अकबर का महापुरुष पूंजा भील से कोई विरोध नहीं था परंतु महाराणा प्रताप के लिए उन्होंने अपने हजारों सैनिकों को साथ लेकर कई वर्षों तक अकबर की सेना के साथ युद्ध करते रहे तथा महाराणा प्रताप को दिए हुए वचनों को उन्होंने बराबर निभाया तथा आज पाठ्य पुस्तकों तथा लोगों की जुबान पर महापुरुष पूंजा भील का अध्याय सबके मन और मस्तिष्क पर अंकित है हमने बहुत सी पुस्तकों में तथा हमारी पाठ्य पुस्तकों में हमने महापुरुष पूंजा भील का इतिहास पढ़ा तथा उस भील आदिवासी इलाके में आज किसी भी व्यक्ति से आप जब महापुरुष पूंजा भील के बारे में बात करना चाहेंगे तो बड़े गर्व के साथ हो कहेंगे कि ऐसे महान योद्धा जिन्होंने एक महान शक्ति का साथ देकर सम्राट अकबर से बराबर युद्ध करते रहे जिसमें उनका कोई लेना-देना नहीं था परंतु फिर भी उन्होंने महाराणा प्रताप को बराबर सहयोग किया आज उस महापुरुष को हम याद करते हैं तथा उनका नाम लेकर भी सुबह शाम उठते बैठते हैं तो हमारा जीवन सफल हो सकता है इसलिए साथियों सुबह जब आप उठे तो महापुरुष पूंजा भील के नाम से आपको स्मरण करना चाहिए जिससे आपका जीवन सफल होगा तथा आने वाली पीढ़ियां आपको याद रखेंगी।
जय महापुरुष पूंजा भील जय महापुरुष पूंजा भील
जय महापुरुष पूंजा भील की।