गूगल की सफलता एक कहानी |Success Story of Google in Hindi

गूगल कुछ भी नहीं बेचता है जिसे आप उठा सकते हैं और अपनी जेब में रख सकते हैं। न ही हम इसे सीधे तौर पर कोई पैसा देते हैं

गूगल की कहानी शुरू होती है साल 1995 में स्टैडफोर्ड यूनिवर्सिटी से। जहां दो पीएचडी स्टूडेंट्स लैरी पेज और सर्गे ब्रिन ने इसकी शूरूआती की थी। उन्होंने पहले Google.stanford.edu एड्रेस पर एक इंटनेट सर्च इंजन बनाया था। जिसका नाम BackRub रखा गया था। हालांकि, बाद में इसे बदल कर Google कर दिया गया। गूगल को एक कंपनी के तौर पर सितंबर 1998 में रजिस्टर कराया गया।

यह भी पढ़े- स्केमारों का गिरोह फिर से एक्टिव, हो सकता है आज तक का सबसे बड़ा स्केम ।। Scemeron Ka Giroh Fhir Se Ative

88042680 07061025895052986278563785
गूगल की सफलता एक कहानी

यह इसे दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बनाता है, जिसकी कीमत लगभग $520bn (£362bn) है।

यह इसे दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बनाता है, जिसकी कीमत लगभग $520bn (£362bn) है।

गूगल के फाउंडर लैरी पेज

800px larry page in the european parliament2C 175519353143244528287.

गूगल को लैरी पेज और उनके दोस्त सरगि ब्रीन ने बनाया था। लैरी पेज के पिता कोल विक्टर अपने शहर की यूनिवर्सिटी में कम्प्यूटर साइंस के प्रोफेसर थे और उनकी माँ भी उन्ही के साथ यूनिवर्सिटी में कम्प्यूटर साइंस ही पढ़ाती थी। उनके घर में बहुत सारे कंप्यूटर और गैजेट पड़े रहते थे और लैरी पेज उनको हर रोज देखते थे कि यह काम कैसे करते हैं। शायद इसी कारण लैरी पेज को कम्प्यूटरो में रूचि हो गई थी।  वे उन्हें खोलते और समझते कि यह काम कैसे करते हैं। जब वे बहुत ही छोटी उम्र के थे तो उन्होंने जान लिया था कि उन्हें चीजों का अविष्कार करना हैं और बिज़नेस खड़ा करना है।

इसे अवश्य पढ़े – अब तक का सबसे बड़ा सुपरनोवा जो पृथ्वी के वातावरण को प्रभावित करता हुआ । Ab tak ka sabse bada suparanova jo prathvee ke vatavaran ko prabhaavit karata

गूगल के नाम के पीछे की कहानी

गूगल के नाम के पीछे भी एक कहानी है। जानकारी के मुताबिक, 1920 में गणितज्ञ Edward Kasner ने अपने भांजे Milton Sirotta को एक ऐसी संख्या के लिए नाम चुनने में मदद करने के लिए कहा, जिसमें 100 शून्य मौजूद हों। ऐसे में Sirotta ने उन्हें ‘googo’ का नाम सुझाया। Kasner ने इस शब्द का इस्तेमाल करने का फैसला किया। यह शब्द साल 1940 में शब्दकोश में आ गया। Kasner ने उस साल मैथमेटिक्स एंड द इमेजिनेशन नाम से एक किताब लिखी और उस किताब में उन्होंने 100 जीरो के साथ नंबर के लिए googol शब्द का इस्तेमाल किया।

88043484 sergey8667392570906560445
Google के संस्थापक सर्गेई ब्रिन (एल) और लैरी पेज 2006 में वापस आए । गूगल की सफलता एक कहानी

गूगल के नाम के पीछे की कहानी

प्रारंभ में
परिवार, दोस्तों और अन्य निवेशकों से $1 मिलियन एक साथ खींचकर, मिस्टर ब्रिन और मिस्टर पेज ने 7 सितंबर 1998 को अपनी कंपनी की शुरुआत की। पिछले जनरेशन मे इसे “बैकरब” के रूप में जाना जाता था, तब से कंपनी दुनिया भर में ऑनलाइन सर्च इंजन के रूप पुरे विश्व पर हावी हो गई है, और इसके साथ ही ऑनलाइन विज्ञापन के लिए  एक बड़ा हिस्सा राजस्व के रूप मे ले रही है।

इसे भी पढ़ें- RYI- माइनिंग कंपनी फरार-डूबे लोगों के करोडो डॉलर || RYI Froud || RYI Scam

गूगल ने सिलिकॉन वैली के निवेशकों का भी ध्यान अपनी तरफ खींचा।

अगस्त 1998 में सन के को-फाउंडर Andy Bechtolsheim ने लेरी और सर्जी को 1 लाख अमेरिकी डॉलर का चेक दिया और गूगल इंक की आधिकारिक तौर पर शुरुआत हो गई। इस निवेश के साथ, टीम जो पहले डोर्मेटरी में काम करती थी, वह अपने पहले दफ्तर में शिफ्ट हो गई। कंपनी का पहला दफ्तर कैलिफोर्निया के सबअर्बन मैन्लो पार्क में था, जिसका मालिकाना हक Susan Wojcicki के पास था (जो अब यूट्यूब के सीईओ हैं)।

इसे जरूर पढ़ें – पहले बुरखे का समर्थन
और नातिन को यह सलाह!

88051666 capturegoogle14463300506426064164
गूगल की सफलता एक कहानी

गूगल के को फाउंडर


इसके बाद वह बिज़नेस को बहुत गहराई से समझने लगे जब वह पीएचडी कर रहे थे तब उनकी मुलाकात सर्गी ब्रिन से हुई जो आगे चलकर गूगल के कोफाउंडर बने पीएचडी में उन्होंने टॉपिक वर्ल्ड वाइड वेब को चुना जो उनकी दोस्ती का कारण बना।

इसे भी पढें- छठ का पर्व एक पर्व ही नहीं बल्कि बिहारियों की गौरव की एक पहचान है । Chhath ka parv ek parv hi nahin balki bihariyon ki gaurav ki ek pahachaan hai

एल्गोरिदम की खोज

दोनों के सोच विचार मिलते थे इसलिए दोनों ने कुछ नया करने की ठानी। बहुत सोच विचार करने के बाद उन्होंने एक ऐसे एल्गोरिदम को खोजने में सलाह बनाई जो सभी वेबसाइट को एक साथ लिंक कर सके और सवाल के सबसे अच्छे जवाब के हिसाब से उन्हें रैंक दे सके। बस अब वे इसी एल्गोरिदम की रिसर्च में जुट गए वो बहुत मेहनत करते और रिसर्च करते। आखिरकार एक ऐसा दिन आया जब उन्होंने ऐसा एल्गोरिदम खोज लिया।

इसे देखें – दुनिया के अरबपतियों की सूची

लैरी पेज ने लिया था कर्ज !

thumb 3551binspiring story of googles larry page for entrepreneurs2166728598247635803

जब उनकी  यह रिसर्च सफल हुई। इसके बाद उन्होंने अपने कार्य को आगे बढ़ाने के लिए 10 लाख डोलर का कर्ज लिया इन पैसों से उन्होंने google inc. की स्थापना की। उनकी रिसर्च से गूगल दुनिया का सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन बन गया और आप भी इस सर्च इंजन का उपयोग आज कर रहे हैं। 

os एंड्राइड गूगल द्वारा गूगल बना सफल कंपनी

गूगल सिर्फ सर्च इंजन तक ही सिमित नहीं रहा बल्कि दुनिया का सबसे लोकप्रिय मोबाईल os एंड्राइड गूगल द्वारा लॉन्च किया गया और यही नहीं गूगल ने दुनिया का सबसे लोकप्रिय वीडियो प्लेटफार्म यूटुब जिसमे आप वीडियो देखते हैं को बुलंदियों तक पहुँचाया ऐसा कोई नहीं है जिसके पास मोबाईल हो और यूटुब न चलाता हो। जीमेल भी गूगल का ही प्रोडक्ट है जो आज आप इस्तेमाल करते हैं गूगल के लगभग 50 से भी ज्यादा प्रोडक्ट हैं जो आज सफल हैं। 

गूगल की कमाई का मुख्य स्त्रोत

main qimg 9250cc0e56039df9b0ee45a0ac7cac4f lq1401167843521578207

वाशिंगटन, द न्यूयॉर्क टाइम्स। दिग्गज तकनीकी कंपनी गूगल ने 2018 में केवल न्यूज से ही 4.7 अरब डॉलर (करीब 33 हजार करोड़ रुपये) की कमाई की। पिछले साल डिजिटल मार्केटिंग के जरिये अमेरिका की पूरी न्यूज इंडस्ट्री ने 5.1 अरब डॉलर कमाए थे। गूगल ने अकेले ही लगभग इसके बराबर कमाई की।

अमेरिका के दो हजार अखबारों का प्रतिनिधित्व करने वाली न्यूज मीडिया एलायंस (एनएमए) की रिपोर्ट के अनुसार, गूगल ने सर्च और गूगल न्यूज के जरिये यह कमाई की है। इसमें उस आय को नहीं जोड़ा गया है जो किसी यूजर द्वारा न्यूज पर क्लिक करने या उसे लाइक करने से गूगल को होती है।

कमाई में पत्रकारों को हिस्सा देने की वकालत
एनएमए के सीईओ डेविड चावरन ने कहा, मेहनत पत्रकारों की थी लेकिन कमाई गूगल के पास गई। यह सही नहीं है। गूगल को इसकी भरपाई करनी चाहिए। उसे अपनी कमाई में पत्रकारों को भी हिस्सा देना चाहिए। फिलाडेल्फिया के मीडिया नेटवर्क से जुड़े टेरेंस सीजे इगर ने कहा, प्रकाशक गूगल के लिए कंटेंट उपलब्ध कराते हैं तो बदले में उसे भी प्रकाशकों और पत्रकारों का आभार जताना चाहिए।

मीडिया हाउसों को हुआ नुकसान
न्यूज, गूगल की आय का मुख्य स्त्रोत हैं। गूगल पर 40 फीसद क्लिक किसी न्यूज से संबंधित ही होती हैं। लेकिन, गूगल उस न्यूज को लिखने वाले व्यक्ति या उस संस्था को इसकी कोई रकम नहीं चुकाता। वह यूजर और प्रकाशक के बीच मध्यस्थ का काम करता है। ऐसे में ऑनलाइन विज्ञापन होने वाली कमाई का ज्यादातर हिस्सा उसी के पास चला जाता है। इसी वजह से बीते दो दशकों में न्यूज प्रकाशकों की आय का मुख्य स्त्रोत लगभग खत्म हो गया है। उनमें से कई बंद होने की कगार पर आ गए हैं।

गूगल का सामान्य अर्थ क्या होता है?

अंग्रेजी का एक शब्द था गूगोल, जिसे गलत pronounce किया गया, और इसका नाम पड़ गया गूगल। इसका मतलब वह नंबर जिसमें एक के बाद सौ शून्य हों। यही वर्तमान गूगल का शाब्दिक अर्थ है ।

गूगल प्ले क्या है?

गूगल प्ले, अल्फाबेट कंपनी का एक प्रॉडक्ट है (यह गूगल की पैरेंट कंपनी है) तथा ये एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं|

गूगल प्ले एक फ्री एप्प मार्केटप्लेस है जहां से आप अपनी सुविधा अनुसार एप्प डाउनलोड करके उनका लुफ्त उठा सकते हैंl

जैसा कि गूगल के हर प्रोडक्ट के साथ है, ये भी एक वर्टिकल ग्रोथ प्रॉडक्ट है जिसके कई बिलियन यूजर है|

गूगल की जानकारी का स्त्रोत क्या है ?

Google एक शैक्षणिक स्रोत या वास्तव में एक स्रोत नहीं है। “Google” को कभी भी स्रोत के रूप में उद्धृत नहीं किया जाना चाहिए। बल्कि, Google एक खोज इंजन है जिसे इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्रियों को खोजने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सामान्य तौर पर, Google का उपयोग शैक्षणिक स्रोतों को खोजने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि अधिकांश वेबसाइट और दस्तावेज़ शैक्षणिक प्रकृति के नहीं हैं।

Google विद्वान Google खोज इंजन की एक शाखा है जो केवल विद्वानों के स्रोतों का पता लगाने का प्रयास करता है, और एक लेख की प्रासंगिकता को आधार बनाता है कि यह कितनी बार उद्धृत किया गया था और यह किसके द्वारा प्रकाशित किया गया था। इसलिए, Google की तरह, Google विद्वान को स्रोत के रूप में उद्धृत नहीं किया जा सकता है, यह अकादमिक स्रोतों का पता लगाने में मदद करने के लिए अधिक आसानी से उपयोग किया जा सकता है। हालाँकि, Google विद्वान कई शैक्षणिक खोज इंजनों में से केवल एक है, और जैसा कि संभव है कि किसी भी क्षेत्र में सामान्य और गैर-विशिष्ट होने की कोशिश करता है, इन खोज इंजनों में से सबसे अच्छा नहीं हो सकता है। शैक्षणिक स्रोतों को खोजने के लिए शायद यह आपकी पहली पसंद नहीं होनी चाहिए – इसके बजाय, लाइब्रेरी के डेटाबेस में से एक शुरू करने के लिए बेहतर जगह हो सकती है।

अगर आपको यह जानकारीगूगल की सफलता एक कहानी |Success Story of Google in Hindi पसंद आयी हो तो इसे शेयर कर सकते है और हमें कमेंट करके बताये कि आपको यह जानकारी कैसी लगी अपना बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद। 

साझा करें

cropped wp 1667444151734
लेखक: मदन सिंह

Leave a Reply

%d bloggers like this: