एक शोध के अनुसार डायनासोर (Dinosaurs) के अंडों के जीवाश्म के अध्ययन से वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि 6.6 करोड़ साल पहले डायनासोर अचानक ही नहीं हुआ था. उन्होंने बताया कि वास्तव में डायनासोर के महाविनाश (Extinction) की प्रक्रिया क्षुद्रग्रह (Asteroid) के टकराव के लाखों साल पहले ही शुरू हो गई थी.

इस पड़ताल ने नतीजों ने डायनासोर की विनाश के विलुप्त होने की कारणों पर चल रही बहस को नया मोड़ दे दिया है.पृथ्वी पर डायनासोर का विलुप्त (Extinction of Dinosaurs) होने के समय आया था एक एक महाविनाश था. पहली बार ऐसा हुआ था जब किसी महाविनाश की प्रक्रिया (Process of extinction) की शुरुआत के पीछे एक क्षुद्रग्रह के टकराव (Asteroids Impact) की भी भूमिका था. हालांकि यह अब भी बहस का विषय है कि उस महाविनाश के पीछे वास्तव में क्षुद्रग्रह टकराव का कितना बड़ा योगदान था, इस पर अब भी नए नए शोध जारी हैं कि आखिर उस महाविनाश के वास्तविक कारक कौन कौन से थे जिसने डायनासोर का समूल नाश कर दिया. नए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि वास्तव में डायनासोर विलुप्त होने की ओर क्षुद्रग्रह के टकराव से पहले ही जाने लगे थे.
जब टकराया था क्षुद्रग्रह डायनासोर के दौर का महाविनाश आज से 6.6 करोड़ साल पहले हुआ था. तब एक क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकाराया था और उससे या उसी समय ज्वालामुखी विस्फोटो के साथ वैश्विक तापमान में भी ऐसे उतार चढ़ाव आए कि पृथ्वी से दो तिहाई प्रजातियों का समूल नाश हो गया जिसमें पृथ्वी पर एक छत्र राज करने वाले डायनासोर भी शामिल थे.

पहले ही शुरू हो गई थी विलुप्त होने की प्रक्रिया नए अध्ययन में बताया गाय है कि उस महाविनाश से लाखों साल पहले ही ही डायनासोर विलुप्त होने की प्रक्रिया में आ चुके थे. चीन में मिले अंडे के खोल के एक हजार जीवास्म के विश्लेषण ने खुलासा किया है. इस अध्ययन के लेखक और चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस के कियांग वांग ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को बताया कि डायनासोर लाखों साल पहले धीरे धीरे विलुप्त होने शुरू हो गए थे. और उनका अचानक महाविनाश की घटना के कारण विनाश नहीं हुआ था.

बहस में नया मोड़ इन नतीजों का परीक्षण होना अभी बाकी है लेकिन इस अध्ययन के नतीजों ने लंबे समय से जीवाश्मविज्ञानियों के बीच चली आ रही बहस को एक नया मोड़ दे दिया है कि ना उड़ पाने वाले डायनासोर अचानक खत्म हो गए थे या फिर वे 10 किलोमीटर विशाल क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से टकराने के पहले से ही विलुप्त होने की कगार पर आ चुके थे.

किसका किया अध्ययन इस अध्ययन में चीन के भूगर्भीय शास्त्री और जीवाश्मविज्ञानियों ने सुझाया कि डायनासोर जैवविविधता उनके नष्ट होने से कम से कम 20 लाख साल पहले से ही कम होने लगी थी. लेकिन क्रिटेशियस काल के अंत में उनके विनाश के बाद केवल पक्षी ही उनके वशंजों में रह गए थे. ये नतीजे अंडों के जीवाश्म के अध्ययन पर आधारित हैं जिसमें डायनासोर के बहुत सारे पूरे और अधूरे अंडे एक 150 मीटर मोटी चट्टान के परतों के नीचे 6.82 से 6.62 करोड़ साल के बीच दब गए थे.

जैवविविधता में गिरावट चीन का शानयांग बेसिन, जहां ये अंडों के जीवाश्म मिले हैं, क्रिटेशियस काल के बहुतायत डायनासोर जीवाश्म रिकॉर्ड मिलते हैं. लेकिन फिर उन्हें इतने अंडों में भी तीन वर्ग के डायनासोर के ही जीवाश्म मिले थे. जिससे साफ हुआ कि पुराने जीवाश्म रिकॉर्ड की तुलना में डायनासोर की जैवविविधता में कितनी गिरावट आ चुकी थी.
बहस का विषय बना रहेगा शोधकर्ताओं ने बताया कि उनके नतीजे इस बात का समर्थन करते हैं कि डायनासोर की जैवविविधता लंबे समय से कम हो रही थी जिसने क्रिटेशियस काल के अंत में 6.6 करोड़ साल पहले ना उड़ने वाले डायनासोर को पूरी तरह से खत्म करने की भूमिका बना दी. अपने नतीजों के बाद भी शोधकर्ताओं ने पाया कि डायनासोर का विनाश कई कारणों से बहस का विषय बना रहेगा.

शोधकर्ताओं का कहना है कि इसतरह के जैवविविधता के कम होने के संकेत दुनिया के अन्य भागों में जीवाश्मों में देखने को मिले हैं जिसमें उत्तरी अमेरिका में मिले कुछ जीवाश्म प्रमुख हैं. वहीं कुछ अन्य इसी तरह के अध्ययनों में यह तक भी कहा गया है कि डायनासोर की विविधता एक करोड़ साल पहले ही खत्म हो गए थे. लेकिन इसके विपरीत बात कहने वाले शोधों की भी कमी नहीं हैं.